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बोर्ड परीक्षा तैयारी के लिए संसाधन एवं विकास (अध्याय 1) - NCERT कक्षा 10 भूगोल
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संसाधन एवं विकास: महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
एनसीईआरटी कक्षा 10 भूगोल अध्याय 1 | सभी प्रश्न एक-एक करके एनिमेटेड क्विज़ में देखें | परीक्षा 2025 तैयारी
प्रश्न 1/60 - बहुविकल्पीय प्रश्न
1. हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है, और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, क्या कहलाती है?
उत्तर: (ख) संसाधन
2. उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण है:
उत्तर: (ख) जैव और अजैव
3. समाप्यता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण है:
उत्तर: (क) नवीकरण और अनवीकरण योग्य
4. जिन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और जिनमें जीवन व्याप्त है, वे क्या कहलाते हैं?
उत्तर: (ख) जैव संसाधन
5. वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर: (ख) अजैव संसाधन
6. वे संसाधन जिन्हें भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः उत्पन्न किया जा सकता है, उन्हें क्या कहा जाता है?
उत्तर: (ख) नवीकरण योग्य संसाधन
7. इन संसाधनों का विकास एक लंबी भू-वैज्ञानिक अवधि में होता है।
उत्तर: (ख) अनवीकरण योग्य संसाधन
8. स्वामित्व के आधार पर निम्न में से कौन सा एक संसाधन का प्रकार नहीं है?
उत्तर: (घ) चक्रीय
9. वे संसाधन जो किसी प्रदेश में विद्यमान होते हैं परंतु इनका उपयोग नहीं किया गया है, क्या कहलाते हैं?
उत्तर: (ख) संभावी संसाधन
10. पर्यावरण में उपलब्ध वे पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं परंतु उपयुक्त प्रौद्योगिकी के अभाव में उसकी पहुँच से बाहर हैं, किसमें शामिल हैं?
उत्तर: (ग) भंडार
11. भारत के विशाल मैदान किस प्रकार की मृदाओं से बने हैं?
उत्तर: (ख) जलोढ़ मृदा
12. उच्च नमी रखाव क्षमता वाली मृदा कौन सी है?
उत्तर: (ख) काली मृदा
13. मानसून जलवायु में अत्यधिक निक्षालित मृदाएँ कौन सी हैं?
उत्तर: (ग) लैटेराइट मृदा
14. मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए बृहत् स्तर पर पेड़ लगाना क्या कहलाता है?
उत्तर: (ख) वनरोपण
15. पवन द्वारा मैदान अथवा ढालू क्षेत्र से मृदा को उड़ा ले जाने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
उत्तर: (ग) पवन अपरदन
16. लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?
उत्तर: (घ) अनवीकरण योग्य
17. ज्वारीय ऊर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का संसाधन नहीं है?
उत्तर: (ख) मानवकृत
18. पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: (ख) अधिक सिंचाई
19. निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?
उत्तर: (घ) उत्तराखंड
20. इनमें से किस राज्य में काली मृदा मुख्य रूप से पाई जाती है?
उत्तर: (ग) महाराष्ट्र
1. हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है, एक '____' है।
उत्तर: संसाधन
2. संसाधन मानवीय क्रियाओं का ____ हैं।
उत्तर: परिणाम
3. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन ____ और ____ होते हैं।
उत्तर: जैव, अजैव
4. समाप्यता के आधार पर संसाधन ____ और ____ होते हैं।
उत्तर: नवीकरण योग्य, अनवीकरण योग्य
5. वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित हो चुकी है, ____ कहलाते हैं।
उत्तर: विकसित संसाधन
6. पर्यावरण में उपलब्ध वे पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं, परंतु उपयुक्त प्रौद्योगिकी के अभाव में उसकी पहुँच से बाहर हैं, ____ में शामिल हैं।
उत्तर: भंडार
7. ____ संसाधन भंडार का ही हिस्सा है, जिसे उपलब्ध तकनीकी ज्ञान की सहायता से प्रयोग में लाया जा सकता है।
उत्तर: संचित कोष
8. संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए ____ एक सर्वमान्य रणनीति है।
उत्तर: संसाधन नियोजन
9. भारत में संसाधनों के संरक्षण के लिए सबसे पहले ____ ने अपनी चिंता व्यक्त की थी।
उत्तर: महात्मा गांधी
10. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल ____ वर्ग किलोमीटर है।
उत्तर: 32.8 लाख
1. संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर: हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, एक संसाधन है।
2. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के दो प्रकार कौन से हैं?
उत्तर: जैव और अजैव।
3. समाप्यता के आधार पर संसाधन के दो प्रकार कौन से हैं?
उत्तर: नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य।
4. जैव संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: मनुष्य, वनस्पति जात, प्राणि जात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि।
5. अजैव संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: चट्टानें और धातुएँ।
6. नवीकरण योग्य संसाधन के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर: सौर तथा पवन ऊर्जा, जल, वन व वन्य जीवन।
7. अनवीकरण योग्य संसाधन के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर: जीवाश्म ईंधन, धातु।
8. व्यक्तिगत संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: बाग, चारागाह, तालाब, कुआँ आदि।
9. सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: श्मशान भूमि, तालाब, खेल के मैदान आदि।
10. राष्ट्रीय संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: सड़कें, नहरें, रेल लाइन, खनिज पदार्थ, जल संसाधन आदि।
11. अंतर्राष्ट्रीय संसाधन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: खुले महासागरीय संसाधन।
12. संभावी संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर: वे संसाधन जो किसी प्रदेश में विद्यमान होते हैं परंतु इनका उपयोग नहीं किया गया है।
13. विकसित संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर: वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित हो चुकी है।
14. मृदा अपरदन किसे कहते हैं?
उत्तर: मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।
15. वनरोपण क्या है?
उत्तर: मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए बृहत् स्तर पर पेड़ लगाना वनरोपण कहलाता है।
1. संसाधन नियोजन क्यों आवश्यक है?
उत्तर: संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए संसाधन नियोजन अत्यंत आवश्यक है। भारत जैसे देश में जहाँ संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है, यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। कुछ प्रदेश संसाधनों में आत्मनिर्भर हैं तो कुछ में महत्वपूर्ण संसाधनों की कमी है। इसलिए, राष्ट्रीय, प्रांतीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर संतुलित संसाधन नियोजन की आवश्यकता है।
2. जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें।
उत्तर: जैव संसाधन: इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त होता है, जैसे- मनुष्य, वनस्पतिजात, प्राणिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। अजैव संसाधन: वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं। उदाहरणार्थ- चट्टानें और धातुएँ।
3. नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य संसाधनों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: नवीकरण योग्य संसाधन: वे संसाधन जिन्हें भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः उत्पन्न किया जा सकता है। जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल। अनवीकरण योग्य संसाधन: इन संसाधनों का विकास एक लंबे भू-वैज्ञानिक अंतराल में होता है। इनके बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं और ये एक बार के प्रयोग के बाद समाप्त हो जाते हैं। जैसे- खनिज और जीवाश्म ईंधन।
4. स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण करें।
उत्तर: स्वामित्व के आधार पर संसाधन चार प्रकार के होते हैं: व्यक्तिगत संसाधन (निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में), सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन (समुदाय के सभी सदस्यों को उपलब्ध), राष्ट्रीय संसाधन (देश की सरकार का अधिकार) और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन (अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा नियंत्रित)।
5. संभावी और विकसित संसाधनों में क्या अंतर है?
उत्तर: संभावी संसाधन वे हैं जो किसी प्रदेश में मौजूद हैं लेकिन उनका उपयोग अभी तक नहीं किया गया है। विकसित संसाधन वे हैं जिनका सर्वेक्षण हो चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है।
6. "संसाधन मानवीय क्रियाओं का परिणाम हैं।" इस कथन को स्पष्ट करें।
उत्तर: यह कथन सत्य है क्योंकि मनुष्य स्वयं संसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य ही पर्यावरण में पाए जाने वाले पदार्थों को अपनी प्रौद्योगिकी और ज्ञान का उपयोग करके संसाधनों में परिवर्तित करता है और उन्हें प्रयोग करता है। प्रकृति में उपलब्ध तत्व तब तक संसाधन नहीं बनते जब तक मनुष्य उन्हें अपने उपयोग के योग्य नहीं बना लेता।
7. मृदा अपरदन के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर: मृदा अपरदन के मुख्य कारण वनोन्मूलन (पेड़ों की कटाई), अति पशुचारण, निर्माण और खनन जैसी मानवीय क्रियाएँ हैं। इसके अलावा पवन, हिमनदी और जल जैसी प्राकृतिक शक्तियाँ भी मृदा अपरदन का कारण बनती हैं। गलत तरीके से हल चलाना जैसे ढाल पर ऊपर से नीचे की ओर हल चलाने से वाहिकाएँ बन जाती हैं, जिससे मृदा का कटाव होता है।
8. भूमि निम्नीकरण को रोकने के कुछ उपाय बताएं।
उत्तर: भूमि निम्नीकरण को रोकने के कुछ उपाय हैं - वनरोपण, चारागाहों का उचित प्रबंधन, पशुचारण नियंत्रण, रेतीले टीलों को काँटेदार झाड़ियाँ लगाकर स्थिर बनाना और खनन नियंत्रण। औद्योगिक जल को परिष्करण के पश्चात् विसर्जित करके भी जल और भूमि प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
9. जलोढ़ मृदा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: जलोढ़ मृदा भारत में सबसे विस्तृत क्षेत्र में पाई जाने वाली मृदा है। यह नदियों द्वारा लाए गए निक्षेपों से बनती है। यह बहुत उपजाऊ होती है और इसमें पोटाश, फॉस्फोरिक एसिड और चूना पर्याप्त मात्रा में होता है। आयु के आधार पर इसे पुराने जलोढ़ (बांगर) और नए जलोढ़ (खादर) में बांटा जाता है।
10. काली मृदा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: काली मृदा का रंग काला होता है और इसे 'रेगुर' मृदा भी कहते हैं। यह कपास की खेती के लिए उचित समझी जाती है। इस मृदा में नमी धारण करने की क्षमता बहुत होती है। यह मृदा कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चूने जैसे पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण होती है।
1. संसाधनों के वर्गीकरण का विस्तृत वर्णन करें।
उत्तर: संसाधनों का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जा सकता है: उत्पत्ति के आधार पर (जैव और अजैव), समाप्यता के आधार पर (नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य), स्वामित्व के आधार पर (व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय), और विकास के स्तर के आधार पर (संभावी, विकसित, भंडार, संचित कोष)। विस्तार से: जैव संसाधन जीवमंडल से, अजैव निर्जीव से; नवीकरण योग्य पुनः उत्पन्न हो सकते हैं जैसे सौर ऊर्जा, अनवीकरण योग्य समाप्त हो जाते हैं जैसे खनिज।
2. भारत में संसाधन नियोजन की प्रक्रिया को समझाइए। यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर: संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है: पहला सोपान- संसाधनों की पहचान और तालिका बनाना; दूसरा- प्रौद्योगिकी और संस्थागत ढांचा तैयार करना; तीसरा- योजनाओं में समन्वय। भारत में यह आवश्यक है क्योंकि संसाधनों में विविधता है, जैसे झारखंड में खनिज प्रचुर लेकिन अरुणाचल में जल संसाधन। असंतुलन को दूर करने के लिए संतुलित नियोजन जरूरी।
3. मृदा अपरदन क्या है? इसके संरक्षण के विभिन्न उपायों का वर्णन करें।
उत्तर: मृदा अपरदन मृदा के कटाव और बहाव की प्रक्रिया है, प्राकृतिक (पवन, जल) और मानवीय (वनोन्मूलन, खनन) कारणों से। संरक्षण उपाय: समोच्च जुताई (ढाल पर समानांतर हल), सीढ़ीदार कृषि (हिमालय में), पट्टी कृषि (घास की पट्टियाँ), वनरोपण (रक्षक मेखला), पशुचारण नियंत्रण।
4. भारत में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की मृदाओं का वर्णन करें।
उत्तर: भारत की विविध भू-आकृतियों से विभिन्न मृदाएँ: जलोढ़ (उपजाऊ, उत्तरी मैदान), काली (रेगुर, कपास के लिए, महाराष्ट्र), लाल-पीली (दक्कन पठार), लैटेराइट (निक्षालित, मानसून क्षेत्र), मरुस्थलीय (रेतीली, राजस्थान), वन मृदा (पर्वतीय, पर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र)।
5. भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी मानवीय क्रियाओं का वर्णन करें और इसके संरक्षण के उपाय सुझाएँ।
उत्तर: मानवीय क्रियाएँ: वनोन्मूलन, अति पशुचारण (राजस्थान), खनन (झारखंड), अधिक सिंचाई (पंजाब, लवणीयता), औद्योगिक प्रदूषण (धूल, अपशिष्ट)। संरक्षण: वनरोपण, चारागाह प्रबंधन, पशुचारण नियंत्रण, रेतीले टीलों पर झाड़ियाँ, खनन नियंत्रण, औद्योगिक जल परिष्करण।
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