class 10 science chapter 15 Notes in hindi || Class 10 science chapter 15 Question answer in hindi ||

 

Class 10 Science Chapter 15 हमारा पर्यावरण Notes in hindi

📚 Chapter = 15 📚

💠 हमारा पर्यावरण💠

 

पर्यावरण का अर्थ :-

ü परि ( आस – पास ) + आवरण ( घेरे हुए ) ।

ü वह आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं या हमारे चारों ओर का वह वातावरण या परिवेश जिसमें हम रहते हैं , पर्यावरण कहलाता है ।

 

पारितंत्र :-

एक क्षेत्र के सभी जीव व अजैविक घटक मिलकर एक पारितंत्र का निर्माण करते हैं । इसलिए एक पारितंत्र जैविक ( जीवित जीव ) व अजैविक घटक ; जैसे :- तापमान , वर्षा , वायु , मृदा आदि से मिलकर बनता है ।

 

पारितंत्र के प्रकार :-

 

🔹 इसके दो प्रकार होते हैं ।

 

प्राकृतिक पारितंत्र :-

पारितंत्र जो प्रकृति में विद्यमान हैं । प्राकृतिक पारितंत्र कहलाते हैं । उदाहरण :- जंगल , सागर , झील ।

 

 मानव निर्मित पारितंत्र :-

जो पारितंत्र मानव ने निर्मित किए हैं , उन्हें मानव निर्मित पारितंत्र कहते हैं । उदाहरण :- खेत , जलाशय , बगीचा ।

 

पारितंत्र के घटक :-

 

1.   अजैविक घटक

2.   जैविक घटक

अजैविक घटक :-

o  प्रकृति के वे घटक जिनमें जीवन नहीं है , किंतु जीवन को आधार प्रदान करती हैं अजैविक घटक कहलाते हैं ।

o  सभी निर्जीव घटक जैसे :- हवा , पानी , भूमि , प्रकाश और तापमान आदि मिलकर अजैविक घटक बनाते हैं ।

 

 जैविक घटक :-

🔹 प्रकृति के वे घटक जिनमें जीवन है , जैविक घटक कहलाते हैं । जैसे :- पशु – पक्षी , जन्तु , पेड़ – पौधे , सूक्ष्मजीव आदि ।

🔹 सभी सजीव घटक जैसे :- पौधे , जानवर , सूक्ष्मजीव , फफूंदी आदि मिलकर जैविक घटक बनाते हैं ।

🔹 आहार के आधार पर जैविक घटकों को उत्पादक , उपभोक्ता , अपघटक में बाँटा गया है ।

 

उत्पादक :-

Ø सभी हरे पौधों एवं नील- हरित शैवाल जिनमें प्रकाश संश्लेषण की क्षमता होती है , इसी वर्ग में आते हैं तथा उत्पादक कहलाते हैं ।

 

उपभोक्ता :-

Ø  ऐसे जीव जो उत्पादक द्वारा उत्पादित भोजन पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से निर्भर करते हैं , उपभोक्ता कहलाते हैं ।

Ø उपभोक्ता को मुख्यतः शाकाहारी , मांसाहारी तथा सर्वाहारी एवं परजीवी में बाँटा गया है ।

 

शाकाहारी :- पौधे व पत्ते खाने वाले । जैसे :- बकरी , हिरण ।

माँसाहारी :- माँस खाने वाले । जैसे :- शेर , मगरमच्छ ।

सर्वाहारी :- पौधे व माँस दोनों खाने वाले । जैसे :- कौआ , मनुष्य ।

परजीवी :- दूसरे जीव के शरीर में रहने व भोजन लेने वाले । जैसे :- जू , अमरबेल ।

 

अपघटक :-

Ø फफूंदी व जीवाणु जो कि मरे हुए जीव व पौधे के जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में विघटित कर देते हैं । इस प्रकार अपघटक स्रोतों की भरपाई में मदद करते हैं ।

 

आहार श्रृंखला :-

ü आहार श्रृंखला एक ऐसी शृंखला है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को भोजन के रूप में खाते हैं । उदाहरण :- घास हिरण शेर

 

पोषीस्तर :- एक आहार श्रृंखला में , उन जैविक घटकों को जिनमें ऊर्जा का स्थानांतरण होता है , पोषीस्तर कहलाता है ।

एक आहार श्रृंखला में ऊर्जा का स्थानांतरण एक दिशा में होता है ।

सूर्य से प्राप्त ऊर्जा :- हरे पौधे सूर्य की ऊर्जा का 1 % भाग जो पत्तियों पर पड़ता है , अवशोषित करते हैं ।

ऊर्जा प्रवाह का 10 % नियम :- एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर में केवल 10 % ऊर्जा का स्थानांतरण होता है जबकि 90 % ऊर्जा वर्तमान पोषी स्तर में जैव क्रियाओं में उपयोग होती है ।

 

आहार श्रृंखला के चरण :-

ü उपभोक्ता के अगले स्तर के लिए ऊर्जा की बहुत ही कम मात्रा उपलब्ध हो पाती है , अत : आहार श्रृंखला में सामान्यत : तीन अथवा चार चरण ही होते हैं ।

 

जैव आवर्धन :-

ü आहार श्रृंखला में हानिकारक रसायनों की मात्रा में एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर में जाने पर वृद्धि होती है । इसे जैव आवर्धन कहते हैं ।

ü ऐसे रसायनों की सबसे अधिक मात्रा मानव शरीर में होती है ।

 

 

 

आहार जाल :-

🔹 आहार श्रृंखलाएं आपस में प्राकृतिक रूप से जुड़ी होती हैं , जो एक जाल का रूप धारण कर लेती है , उसे आहार जाल कहते हैं ।

 

पर्यावरण की समस्याएं :-

 

🔹  पर्यावरण में बदलाव हमें प्रभावित करता है और हमारी गतिविधियाँ भी पर्यावरण को प्रभावित करती हैं । इससे पर्यावरण में धीरे – धीरे गिरावट आ रही है , जिससे पर्यावरण की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं । जैसे :- प्रदूषण , वनों की कटाई ।

 

ओजोन परत :-

Ø ओजोन परत पृथ्वी के चारों ओर एक रक्षात्मक आवरण है जो कि सूर्य के हानिकारक पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित कर लेती हैं । इस प्रकार से यह जीवों की स्वास्थय संबंधी हानियाँ ; जैसे :- त्वचा , कैंसर , मोतियाबिंद , कमजोर परिरक्षा तंत्र , पौधों का नाश आदि से रक्षा करती है ।

Ø मुख्य रूप से ओजोन परत समताप मंडल में पाई जाती है जो कि हमारे वायुमंडल का हिस्सा है । जमीनी स्तर पर ओजोन एक घातक जहर है ।

 

ओजोन का निर्माण :-

 

ओजोन का निर्माण निम्न प्रकाश – रासायनिक क्रिया का परिणाम है ।

O₂ पराबैंगनी विकिरण 0 + O ( अणु )

O₂ + O → 0₃ ( ओजोन )

 

ओजोन परत का ह्रास :-

 

ü 1985 में पहली बार अंटार्टिका में ओजोन परत की मोटाई में कमी देखी गई , जिसे ओजोन छिद्र के नाम से जाना जाता है । 

ü  ओजोन की मात्रा में इस तीव्रता से गिरावट का मुख्य कारक मानव संश्लेषित रसायन क्लोरोफ्लुओरो कार्बन ( CFC ) को माना गया । जिनका उपयोग शीतलन एवं अग्निशमन के लिए किया जाता है ।

ü 1987 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( यूएनईपी ) में सर्वानुमति बनी की सीएफसी के उत्पादन को 1986 के स्तर पर ही सीमित रखा जाए ( क्योटो प्रोटोकोल ) ।

 

कचरा प्रबंधन :-

 

🔹 आज के समय में अपशिष्ट निपटान एक मुख्य समस्या है जो कि हमारे पर्यावरण को प्रभावित करती है । हमारी जीवन शैली के कारण बहुत बड़ी मात्रा में कचरा इकट्ठा हो जाता है ।

 

Ø कचरे में निम्न पदार्थ होते हैं :-

🔶 जैव निम्नीकरणीय पदार्थ :- पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों के कारण छोटे घटकों में बदल जाते हैं । उदाहरण :- फल तथा सब्जियों के छिलके , सूती कपड़ा , जूट , कागज आदि ।

 

🔶 अजैव निम्नीकरण पदार्थ :- पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों के कारण घटकों में परिवर्तित नहीं होते हैं । उदाहरण :- प्लास्टिक , पॉलिथीन , संश्लिष्ट रेशे , धातु , रेडियोएक्टिव अपशिष्ट आदि ।

🔹 सूक्ष्मजीव एंजाइम उत्पन्न करते हैं जो पदार्थों को छोटे घटकों में बदल देते हैं एंजाइम अपनी क्रिया में विशिष्ट होते हैं । इसलिए सभी पदार्थों का अपघटन नहीं कर सकते हैं ।

 

कचरा प्रबंधन की विधियाँ :-

 

🔶 जैवमात्रा संयंत्र :- जैव निम्नीकरणीय पदार्थ ( कचरा ) इस संयंत्र द्वारा जैवमात्रा व खाद में परिवर्तित किया जा सकता है ।

 

🔶 सीवेज उपचार तंत्र :- नाली के पानी को नदी में जाने से पहले इस तंत्र द्वारा संशोधित किया जाता है ।

 

🔶 कूड़ा भराव क्षेत्र :- कचरा निचले क्षेत्रों में डाल दिया जाता है और दबा दिया जाता है ।

 

🔶 कम्पोस्टिंग :- जैविक कचरा कम्पोस्ट गड्डे में भर कर ढक दिया जाता है ( मिट्टी के द्वारा ) तीन महीने में कचरा खाद में बदल जाता है ।

 

🔶 पुन : चक्रण :- अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ कचरा पुन : इस्तेमाल के लिए नए पदार्थों में बदल दिया जाता है ।

 

🔶 पुन : उपयोग :- यह एक पारंपारिक तरीका है जिसमें एक वस्तु का पुन : -पुनः इस्तेमाल कर सकते हैं । उदाहरण :- अखबार से लिफाफे बनाना ।

 

🔶 भस्मीकरण :- यह एक अपशिष्ट उपचार प्रक्रिया है जिसे थर्मल उपचार के रूप में वर्णित किया जाता है जो कचरे को राख में बदल देता है । मुख्य रूप से इसका उपयोग अस्पतालों से जैविक कचरे के निपटान के लिए उपयोग किया जाता है ।

 

Class 10 Science Chapter 1 question answer in hindi || कक्षा 10 विज्ञान पाठ 1 प्रश्न उत्तर ||

Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण)




-: पाठगत-प्रश्न :-

पेज – 6

प्र० 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर:-
 

               वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ किया जाता है ताकि वह जलते समय पूरी तरह वायु के संपर्क में रहे |


प्र० 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए :

  1. हाइड्रोजन + क्लोरीन हाइड्रोजन क्लोराइ
  2. बेरियम क्लोराइड + एल्युमीनियम सल्फेट बेरियम सल्फेट + एल्युमीनियम क्लोराइ
  3. सोडियम + जल सोडियम हाइड्रोक्साइड + हाइड्रोज
Answer :- 





प्र० 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक
समीकरण लिखिए :
  1. जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अधुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं |
  2. सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में ) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं |
Answer:-



पेज – 11

प्र० 1. किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है |

(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए |
(ii)
ऊपर (i) में लिखे पदार्थ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए
|

उत्तर:-

(i) पदार्थ ‘x’ का नाम बिना बुझा हुआ चूना है, जिसका
(ii) पदार्थ ‘X’ अर्थात् CaO की जल के साथ अभिक्रिया इस प्रकार होती है-
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq)
(बिना बुझा हुआ चूना) बुझा हुआ चूना (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड)


प्र०2. क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है ? उस गैस का नाम बताइए |

उत्तर :- 

हमें ज्ञात है कि जल 2 भाग हाइड्रोजन और 1 भाग ऑक्सीजन स्विच से मिलकर बना है अर्थात् H,0। हाइड्रोजन परमाणु और ऑक्सीजन परमाणु के 2 : 1 में संयोग करने से बना है। अतः जल का वैद्युत अपघटन करने से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसें प्राप्त होती हैं। इसलिए कैथोड पर एकत्रित गैस हाइड्रोजन और एनोड पर एकत्रित गैस ऑक्सीजन की मात्रा की दोगुनी है। (देखिए चित्र 1.4)


 (पृष्ठ संख्या 15)

प्रश्न 1. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फ़ेट के विलयन में डुबोया जाता है, तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर :-

जब लोहे की कील को नीले रंग के कॉपर सल्फेट (CuSO) के विलयन में डुबोया जाता है, तो विलयन का नीला रंग हल्का (मलीन) हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि Fe, Cu से अधिक अभिक्रियाशील है जो कॉपर को विस्थापित कर देता है और आयरन सल्फेट तथा कॉपर धातु बनती है। अभिक्रिया इस प्रकार होती है

प्रश्न 2. क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :-


प्रश्न 3. निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए-

(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(5)

(ii) Cuo(s) + H2(g) + Cu(s) + H2O(l)
उत्तर :-

(i) इस अभिक्रिया में सोडियम (Na) Na,0 में उपचयित होता है, क्योंकि Na का O2, से संयोग हो रहा है और O2, अपचयित होने वाला पदार्थ है। अतः उपचयित एवं अपचयित होने वाले पदार्थ क्रमशः Na और O2 हैं।


-:अभ्यास प्रश्न:-

प्रश्न 1: निचे दी गयी अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन सा कथन असत्य है ?

2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO2(g)

(a) सीसा अपचयित हो रहा है |
(b) 
कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है |
(c) 
कार्बन अपचयित हो रहा है |
(d) 
लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है |

उत्तर:- 

(i) (a) एवं (b)
(ii) (a)
एवं (c)
(iii) (a) (b)
एवं (c)
(iv)
सभी

समीक्षा:-

(a) सीसा अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(b)
कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |
(c)
कार्बन अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(d)
लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |

उत्तर: (ii) (a) एवं (c) कथन सत्य है |

प्रश्न 2: Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe

ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है |

(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) 
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
(c) 
वियोजन अभिक्रिया
(d) 
विस्थापन अभिक्रिया

उत्तर :-  (d) विस्थापन अभिक्रिया

प्रश्न3: लौह चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है ? सही उत्तर पर निशान लगाये |

(a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |
(b) 
क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रो-क्साइड बनता है |
(c) 
कोई अभिक्रिया नहीं होती |
(d) 
आयरन लवण एवं जल बनता है
|

उत्तर:- (a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |

प्रश्न 4: संतुलित रसायनिक समीकरण क्या है ? रसायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर:- 

        जब अभिकारक और उत्पाद दोनों तरफ के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो तो ऐसे समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण कहते है | द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न 5: निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में लिखकर संतुलित कीजिये |

(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से अभिक्रिया कर अमोनिया बनाता है |

(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है |

(c) एलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, एलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है |

(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रो-ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देता है |

उत्तर :-

(a) 3H+ N→2NH3
(b) 2H2S + 3O→ 2H2O + 3BaSO2
(c) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 2AlCl3 + 3BaSO2
(d) 2K + 2H2O → 2KOH + H2



प्रश्न 6: निम्न रासायनिक समीकरण को संतुलित कीजिये:

(a) HNO+ Ca(OH)→ Ca(NO3)+ H2O
(b) NaOH + H
2SO4 → Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO
→ AgC2l + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl

उत्तर :- 

संतुलित रासायनिक समीकरण :-

(a) 2HNO(aq) + Ca(OH)(aq) → Ca(NO3)(aq) + 2H2O (l)
(b) 2NaOH (aq) + H
2SO(aq) → Na2SO4 (aq) + 2H2O(l)
(c) NaCl (aq) + AgNO
(aq) → AgCl (s) + NaNO3(aq)
(d) BaCl
2(aq) + H2SO4(aq) → BaSO4 (s) + 2HCl (aq)



प्रश्न 7: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए |

(a) कैल्सियम हाइड्रो-ऑक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड कैल्सियम कार्बोनेट +

(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट जिंक नाइट्रेट + सिल्व

(c) एलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड एलुमिनियम क्लोराइड + कॉप

(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइ

उत्तर :-

 (a) Ca(OH)2 (aq) + Co2(g) → CaCo3(s) + H2O(l) |
(b) Zn(s) + 2AgNo(aq) → Zn(No
3)+ 2Ag(s) |
(c) 2Al(s) + 3CuCl
2(aq) → 2AlCl3 + 3Cu(s) |
(d) BaCl
2(aq) + K2SO4 → BaSO4(s) + 2KCl(aq) |

प्रश्न 8: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताईये

(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s) |
(b) 
जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g) |
(c) 
हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन(g) → हाइड्रोजन क्लोराइड(g) |
(d) 
मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g) |

उत्तर :-

 (a) 2KBr(aq) + Bal2 → 2Kl(aq) + BaBr(aq) |

(b) ZnCo+ ZnCo→ ZnO(s) + CO2(s) |

(c) H2 + cl2(g) → 2HCl(g) |

(d) Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2(aq) + H2(g) |

प्रश्न 9: ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदहारण दीजिये |

उत्तर :-

 वे अभिक्रिया जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊष्मा मुक्त होती है , उषमाक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती है |

(i) C + O2 → Co2 + ऊष्मा
(ii) C
6H12O6 + 6Co2 + 6H2O


वे अभिक्रियायें जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊर्जा अवशोषित होती है , ऊष्माशोषी कहलाती है |

FeSo4(s) → Fe2O3(s) + So2(g) + So3(g)

प्रश्न 10: श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ? वर्णन कीजिये |

उत्तर :-

 पाचन क्रिया के समय भोजन हमारे शरीर में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऊर्जा मुक्त करता ही | हमारे शरीर की कोशिकाओं को उर्जा मिलाती है | अत: श्वसन एक उषमाक्षेपी अभिक्रिया है |

C6h12O6 + 6O → 6CO2 + 6H2O + उर्जा (ग्लूकोज) |

प्रश्न 11: वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए |

उत्तर :-

 जिस प्रकार संयोजन अभिक्रिया में दो या दो अधिक अभिकारक परस्पर क्रिया करके उत्पाद बनाते है , ठीक उसी के विपरीत वियोजन अभिक्रिया में कोई यौगिक दो या डॉन से यौगिकों में विघटित हो जाता है |

संयोजन – 2H+ O2 → 2H2O
वियोजन – 2H2o → 2H2 + O2 |

प्रश्न 12. उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर :-

(a) ऊष्मा के द्वारा वियोजन-




प्रश्न 13. विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर:-

विस्थापन अभिक्रिया-

                                जब अधिक क्रियाशील तत्व, कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है।




यहाँ, Zn, Cu से अधिक क्रियाशील है जो CuCl, से Cu को विस्थापित कर देता है।
द्विविस्थापन अभिक्रिया-द्विविस्थापन अभिक्रिया में अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है। 
जैसे:-  AB + CD → AC + BD
NaOH + HCl → NaCl + H2O


प्रश्न 14. सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।

उत्तर:- 


Cu(s) + 2AgNO3(3) → Cu(NO3)2(aq) + 2Ag(s)

प्रश्न 15. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:-

ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अविलेय लवण बनता है, जो विलयन से पृथक हो जाता है, अवक्षेपण अभिक्रिया कहलाती है। 

उदाहरण-



प्रश्न 16. ऑक्सीजन के योग या हास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए।

(a) उपचयन            (b) अपचयन

उत्तर:-


(a) उपचयन (Oxidation):-   ऑक्सीकरण का योग या हाइड्रोजन का ह्रास ऑक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। 

जैसे :- 



प्रश्न 17. एक भूरे रंग का चमकदार तत्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर:-

यह चमकदार तत्व ‘X’ कॉपर धातु (Cu) है। जब इसे वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो यह उपचयित होकर काले रंग की कॉपर (II) ऑक्साइड (CuO) बनाती है। अभिक्रिया इस प्रकार होती है-



प्रश्न 18. लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
उत्तर:- 

लोहे की वस्तु हवा एवं आर्द्रता के संपर्क में आकर संक्षारित हो जाती है। अतः पेंट करने पर लोहे की सतह हवा या नमी (आर्द्रता) के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं रहती है, जिसके कारण संक्षारण (जंग लगना) नहीं हो पाता है। इस तरह लोहा पेंट करने पर क्षतिग्रस्त नहीं होता।

प्रश्न 19. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर:-

        तेल एवं वसा युक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से इसलिए प्रभावित किया जाता है, क्योंकि इन पदार्थों का गंध एवं स्वाद उपचयित होने के कारण बदल जाता है। नाइट्रोजन एक प्रतिऑक्सीकारक है, जो इन पदार्थों को उपचयित (आक्सीकृत) होने से बचाता है। अतः तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों की विकृतगंधिता नहीं हो पाती है। इस तरह वसायुक्त पदार्थ; जैसे-चिप्स खराब नहीं होते।

प्रश्न 20. निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए-
(a) संक्षारण        (b) विकृतगंधिता
उत्तर:-


(a) संक्षारण-

                    जब कोई धातु वायुमंडल में उपस्थित आर्द्रता एवं अम्ल के संपर्क में आती है तो उसके सतहों पर एक परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। जब लोहे का संक्षारण होता है, तो उसे जंग लगना कहते हैं।

उदाहरण-

सिल्वर धातु (चाँदी) के ऊपर सिल्वर सल्फाइड की काली परत, कॉपर के ऊपर हरे रंग का कॉपर कार्बोनेट की परत चढ़ना तथा लोहे के ऊपर लालिमायुक्त भूरे रंग की Fe,0:2H,O (हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड) की परत चढ़ना।।

(b) विकृतगंधिता-

                                तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ हवा (ऑक्सीजन) के सम्पर्क में आने से उपचयित (आक्सीकृत) होकर विकृतगंधी हो जाते हैं, जिसके कारण इसका स्वाद एवं गंध बदल जाता है। इस प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहते हैं।


विकृतगंधिता रोकने के उपाय-

  1. नाइट्रोजन प्रति ऑक्सीकारक मिलाकर
  2. वायुरोधी बर्तनों में खाद्य सामग्री रखकर

उदाहरण-

                     चिप्स की थैली लंबे समय बाद उपचयित होकर विकृतगंधी हो जाती है और मक्खन को कमरे के तापमान पर लंबे समय तक रखने पर इसका स्वाद खट्टा हो जाता है तथा इससे खराब गंध आने लगती है, क्योंकि यह उपचयित हो जाता है।