अम्ल,क्षारक एवं लवण के बेहतरीन नोट्स | Class 10 Science Chapter 2 Notes in Hindi |

कक्षा 10 विज्ञान: अम्ल, क्षारक एवं लवण - संपूर्ण नोट्स

कक्षा 10 विज्ञान: अध्याय 2 - अम्ल, क्षारक एवं लवण

इस अध्याय में हम अम्ल, क्षारक एवं लवण के गुणधर्मों, उनकी अभिक्रियाओं और दैनिक जीवन में उनके महत्व का अध्ययन करेंगे।

1. अम्ल एवं क्षारक: सामान्य परिचय

अम्ल (Acids)

  • स्वाद में खट्टे होते हैं
  • नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं
  • उदाहरण: साइट्रिक अम्ल (नींबू), एसिटिक अम्ल (सिरका)

क्षारक (Bases)

  • स्वाद में कड़वे होते हैं
  • लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं
  • उदाहरण: सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)₂)

सूचक (Indicators)

वे पदार्थ जो अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अपना रंग या गंध परिवर्तित करते हैं

प्राकृतिक सूचक:

  • लिटमस: थैलोफाइटा समूह के लिचेन (lichen) पौधे से निकाला जाता है
  • हल्दी: क्षारीय विलयन में भूरा-लाल रंग देती है
  • अन्य: लाल पत्ता गोभी, हायड्रेंजिया, पिटूनिया

संश्लेषित (Synthetic) सूचक:

  • मेथिल ऑरेंज (Methyl Orange)
  • फिनॉल्फथेलिन (Phenolphthalein)

गंधीय सूचक (Olfactory Indicators):

जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में भिन्न हो जाती है (जैसे प्याज, वैनिला)

2. अम्ल एवं क्षारक के रासायनिक गुणधर्म

2.1 धातु के साथ अभिक्रिया

अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस (H₂)

Zn(s) + H₂SO₄(aq) → ZnSO₄(aq) + H₂(g)

हाइड्रोजन गैस का परीक्षण: जलती हुई मोमबत्ती को गैस के पास ले जाने पर फट-फट (pop sound) की ध्वनि के साथ जलती है

क्षारक + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस (H₂)

Zn(s) + 2NaOH(aq) → Na₂ZnO₂(aq) (सोडियम जिंकेट) + H₂(g)

2.2 धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अम्ल की अभिक्रिया

अम्ल + धातु कार्बोनेट/हाइड्रोजनकार्बोनेट → लवण + CO₂ + H₂O

Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)

NaHCO₃(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)

CO₂ का परीक्षण: चूने के पानी (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड विलयन) में प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है

Ca(OH)₂(aq) + CO₂(g) → CaCO₃(s) (श्वेत अवक्षेप) + H₂O(l)

2.3 उदासीनीकरण अभिक्रिया

अम्ल + क्षारक → लवण + जल

HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)

इस अभिक्रिया में अम्ल तथा क्षारक एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं

2.4 अम्लों के साथ धात्विक ऑक्साइडों की अभिक्रियाएँ

धात्विक ऑक्साइड + अम्ल → लवण + जल

CuO(s) + 2HCl(aq) → CuCl₂(aq) + H₂O(l)

धात्विक ऑक्साइड क्षारकीय प्रकृति के होते हैं

2.5 क्षारकों के साथ अधात्विक ऑक्साइड की अभिक्रियाएँ

अधात्विक ऑक्साइड + क्षारक → लवण + जल

CO₂(g) + Ca(OH)₂(aq) → CaCO₃(s) + H₂O(l)

अधात्विक ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं

3. सभी अम्लों एवं क्षारकों में समानताएँ

अम्ल:

जलीय विलयन में H⁺(aq) या H₃O⁺ उत्पन्न करते हैं

HCl + H₂O → H₃O⁺ + Cl⁻

क्षारक:

जलीय विलयन में OH⁻(aq) उत्पन्न करते हैं

NaOH(s) + H₂O → Na⁺(aq) + OH⁻(aq)

विद्युत चालन:

अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि वे आयन उत्पन्न करते हैं

जल की भूमिका:

  • अम्ल केवल जलीय विलयन में ही H⁺ आयन उत्पन्न करते हैं
  • तनुकरण (Dilution): जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता में कमी

सावधानी: अम्ल को सदैव धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में

4. अम्ल एवं क्षारक के विलयन कितने प्रबल होते हैं? (pH स्केल)

pH स्केल (0 से 14 तक)

pH मान प्रकृति उदाहरण
0-6 अम्लीय निम्बू रस (pH~2), सिरका (pH~3)
7 उदासीन शुद्ध जल
8-14 क्षारीय बेकिंग सोडा (pH~9), साबुन (pH~10)

प्रबलता:

  • प्रबल अम्ल: अधिक H⁺ आयन (HCl, H₂SO₄, HNO₃)
  • दुर्बल अम्ल: कम H⁺ आयन (साइट्रिक अम्ल, एसिटिक अम्ल)
  • प्रबल क्षारक: अधिक OH⁻ आयन (NaOH, KOH)
  • दुर्बल क्षारक: कम OH⁻ आयन (NH₄OH)

5. दैनिक जीवन में pH का महत्त्व

मानव शरीर:

हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है

अम्लीय वर्षा:

वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाने पर जलीय जीवधारियों को नुकसान

पाचन तंत्र:

  • उदर में HCl अम्ल (pH 1-2)
  • अपच: एन्टैसिड (मिल्क ऑफ मैग्नीशिया - Mg(OH)₂) का उपयोग

दंत-क्षय:

मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारंभ

प्राकृतिक अम्ल:

स्रोत अम्ल
सिरका ऐसीटिक अम्ल
संतरा/नींबू सिट्रिक अम्ल
इमली टार्टरिक अम्ल
चींटी/नेटल का डंक मेथैनॉइक अम्ल

6. लवण (Salts)

अम्ल एवं क्षारक की उदासीनीकरण अभिक्रिया से निर्मित आयनिक यौगिक

6.1 लवण परिवार

समान धन या ऋण मूलक वाले लवण (जैसे NaCl एवं Na₂SO₄ सोडियम लवण परिवार के हैं)

6.2 लवणों का pH

  • प्रबल अम्ल + प्रबल क्षारक → उदासीन लवण (pH = 7)
  • प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षारक → अम्लीय लवण (pH < 7)
  • दुर्बल अम्ल + प्रबल क्षारक → क्षारकीय लवण (pH > 7)

6.3 साधारण नमक (NaCl) से रसायन

सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) - कास्टिक सोडा:

2NaCl(aq) + 2H₂O(l) → 2NaOH(aq) + Cl₂(g) + H₂(g)

उपयोग: साबुन, अपमार्जक, कागज़ उद्योग

विरंजक चूर्ण (CaOCl₂):

Ca(OH)₂ + Cl₂ → CaOCl₂ + H₂O

उपयोग: वस्त्र विरंजन, जल शोधन

बेकिंग सोडा (NaHCO₃):

NaCl + H₂O + CO₂ + NH₃ → NH₄Cl + NaHCO₃

उपयोग: बेकिंग पाउडर, एन्टैसिड

धोने का सोडा (Na₂CO₃·10H₂O):

उपयोग: काँच, साबुन उद्योग, जल की कठोरता हटाने

6.4 क्रिस्टलन का जल

कॉपर सल्फेट (CuSO₄·5H₂O):

नीला थोथा - गर्म करने पर श्वेत हो जाता है, जल मिलाने पर पुनः नीला

प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaSO₄·½H₂O):

CaSO₄·2H₂O → CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O

उपयोग: टूटी हड्डियों को स्थिर रखने, खिलौने बनाने

संक्षिप्त सारांश

  1. अम्ल खट्टे, क्षारक कड़वे और लवण उदासीन होते हैं
  2. pH स्केल (0-14) से अम्लीय/क्षारीय प्रकृति मापी जाती है
  3. उदासीनीकरण अभिक्रिया: अम्ल + क्षारक → लवण + जल
  4. लवण विद्युत के सुचालक होते हैं (विद्युत्-अपघट्य)
  5. सोडियम क्लोराइड (NaCl) से NaOH, ब्लीचिंग पाउडर, बेकिंग सोडा आदि बनते हैं
  6. प्लास्टर ऑफ पेरिस (P.O.P.) जिप्सम को गर्म करके बनाया जाता है

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