Class 9 science chapter 2 Notes in hindi || कक्षा 9 विज्ञान पाठ 2 के नोट्स ||

 




Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes In Hindi


9 Class Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes In Hindi 

IS MATTER AROUND US PURE notes in hindi ?

2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं ?

(विज्ञान-IX)

परिचय:

पदार्थ / द्रव्य :- 

  • विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी है, उसे पदार्थ कहा जाता है और हमारे आस-पास विद्यमान हर वस्तु में पदार्थ है।
  • ऐसा कुछ भी जो स्थान घेरता है व जिसका द्रव्यमान होता है पदार्थ/ द्रव्य कहलाता है। और पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है।
  • पदार्थ कणों से बना है। यह सतत् नहीं है। पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं।
  • उदाहरण- किताब, पेन, तारे, सूर्य, हवा, ग्रह, पानी आदि |

 "वह वस्तु जो स्थान घेरता हो और जिसका द्रव्यमान हो वह पदार्थ कहलाता है |"

शुद्ध पदार्थ: वह पदार्थ जिसमे मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हो तो वह वैज्ञानिक दृष्टि से शुद्ध पदार्थ कहलाता है | अर्थात शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना है

तत्व: तत्व   पदार्थ का वह मूल (विशुद्ध) रूप है जिसे रासायनिक प्रक्रिया दवारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता | जैसे -लोहा, सोना, चाँदी, कार्बन एवं ऑक्सीजन आदि

         सभी धातुएँ, अधातुयें और उपधातुयें तत्व की श्रेणी में आती है

धातुओं के गुणधर्म : 

(1)   ये चमकीली होती है

(2)   ये ताप और विद्युत की सुचालक होती है

(3)    धातुएँ अघातवर्ध्य और तन्य होती है

(4)   ये ध्वानिक (प्रतिध्वनिपूर्ण ) होती है

अधातुओं के गुणधर्म :

(1)   ये चमकीली नहीं होती है |

(2)   ये ताप और विद्युत की कुचालक होती है |

(3)   अधातुयें अघातवर्ध्य और तन्य नहीं होती है |

(4)   ये ध्वानिक (प्रतिध्वनिपूर्ण ) नहीं होती है |

 

उपधातु: कुछ तत्व धातुओं और अधातुओं  के बीच के या दोनों के गुणधर्म प्रदर्शित करते है ऐसे तत्वों को उपधातु कहा जाता है है | जैसे - बोरान, सिलिकोन और जर्मेनियम इत्यादि

 

यौगिक : दो या दो से अधिक तत्वों के मेल से एक निश्चित अनुपात में रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बने पदार्थ को यौगिक कहते है | जैसे - जल, नमक, चीनी, अल्कोहल एवं कार्बन-डाइऑक्साइड आदि यौगिक है

      यौगिक का नाम           मिलकर बने तत्वों का नाम 

1.  जल                             दो भाग हाइड्रोजन और एक भाग ऑक्सीजन 

2.  नमक                          एक भाग सोडियम और एक भाग क्लोरीन

3.  कार्बन-डाइऑक्साइड      एक भाग कार्बन और दो भाग ऑक्सीजन 

नोट: उपरोक्त सभी यौगिक एक निश्चित अनुपात में ही बनते है | इन पदार्थों को बिना रासायनिक प्रक्रिया के अलग नहीं किया जा सकता है | इनमें उपस्थित सभी संघटक बने यौगिक से पूरी तरह भिन्न है

मिश्रण: ऐसे पदार्थ जो एक या एक से अधिक तत्वों या यौगिक से मिलकर बना होता है मिश्रण कहलाता है | जैसे - जल में चीनी, रक्त, वायु और बालू नमक का मिश्रण आदि

यौगिक तथा मिश्रण में अंतर : 

 

    मिश्रण

   यौगिक

 1. तत्व या यौगिक मिलकर मिश्रण का निर्माण करते हैं |

 2. यह नया पदार्थ नहीं होता है

 3. इसे भौतिक विधियों से अलग किया जा सकता है

 4. इसमें उपस्थित संघटक अपने अपने गुणधर्म को प्रदर्शित करते है

 5. इसके संघटकों का नियत अनुपात नहीं होता है

 1. तत्व क्रिया करके नए यौगिक का निर्माण करते हैं

 2. यौगिक नया पदार्थ होता है

 3. इसे सिर्फ रासायनिक विधियों द्वारा ही अलग किया जा सकता है

 4. इसमें उपस्थित संघटक पूरी तरह से भिन्न होते है

 5. इनके संघटकों का नियत अनुपात होता है |

 

 

तत्व और यौगिक में अंतर : 

 

    तत्व

     यौगिक

 1. इनमें सिर्फ एक ही प्रकार के परमाणु पाए जाते है

 2. इन्हें नहीं तो भौतिक और नहीं रासायनिक विधियों से ही अलग किया जा सकता है

 3. ये पदार्थों के मूल रूप होते है |  

 1. इनमें दो या दो से अधिक प्रकार के परमाणु पाए जाते है

 2. इन्हें सिर्फ रासायनिक विधियों के द्वारा अलग किया जा सकता है

 3. ये तत्वों से बने नए पदार्थ होते है

 

मिश्रण

मिश्रण, जिसे पदार्थ कहा जाता है, एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना होता है|

मिश्रण के प्रकार

• मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-

(i) समांगी मिश्रण- वे मिश्रण जिनमें पदार्थ परस्पर पूर्ण रूप से मिश्रित होते हैं और एक दूसरे से अविभेद्य होते हैं, समांगी मिश्रण कहलाते हैं| संपूर्ण द्रव्यमान में एक समान संघटन होता है|

उदाहरण- जल में शर्करा (चीनी) का विलयन समांगी मिश्रण है|

(ii) विषमांगी मिश्रण- वे मिश्रण जिसमें पदार्थ पृथक रहते हैं और एक पदार्थ छोटे कणों के रूप में दूसरे पदार्थ में हर जगह फैले रहते हैं, विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं|

उदाहरण- शक्कर और बालू का मिश्रण एक विषमांगी मिश्रण है क्योंकि इस मिश्रण के विभिन्न भागों में शक्कर बालू का भिन्न-भिन्न संघटक होगा|

विलयन

विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है| उदाहरण- नींबू जल, सोडा जल आदि विलयन के उदाहरण हैं|

विलयन के घटक

• विलयन के दो घटक होते हैं:

→ विलयन का वह घटक जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है, उसे विलायक कहते हैं|
→ विलयन का वह घटक जो कि विलायक में घुला होता है उसे विलेय कहते हैं|

विलयन के गुण

→ विलयन एक समांगी मिश्रण है|

→ विलयन के कण व्यास में 1 nm से भी छोटे होते हैं| इसलिए वे आँख से नहीं देखे जा सकते हैं|

→ अपने छोटे आकार के कारण विलयन के कण, गुजर रही प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं| इसलिए
विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता|

→ छानने की विधि द्वारा विलेय के कणों को विलयन में से पृथक् नहीं किया जा सकता है| विलयन को शांत छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं, अर्थात् विलयन स्थायी है|

विलयन के प्रकार

→ वास्तविक विलयन- वास्तविक विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगी मिश्रण कहते हैं|

→ निलंबन- निलंबन एक विषमांगी मिश्रण है, जिसमें विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं हैं बल्कि माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं| ये निलंबित कण आँखों से देखे जा सकते हैं|

→ कोलाइडल विलयन- निलंबन की अपेक्षा कणों का आकार छोटा होने के कारण यह मिश्रण समांगी प्रतीत होता है, लेकिन वास्तविकता में यह विषमांगी मिश्रण होता है| इसके कण विलयन में समान रूप से फैले रहते हैं|

विलयन, कोलाइडल विलयन तथा निलंबन में अंतर :


विलयन
कोलाइडल विलयन
निलंबन
यह एक समांगी मिश्रण है|यह एक विषमांगी मिश्रण है|यह एक विषमांगी मिश्रण है|
विलयन के कण व्यास में 1 nm से भी छोटे होते हैं| इसलिए वे आँख से नहीं देखे जा सकते हैं|कोलाइड के कणों का आकार इतना छोटा होता है कि ये पृथक् रूप में आँखों से नहीं देखे जा सकते हैं|ये कण आँखों से देखे जा सकते हैं|
छानन विधि द्वारा इसके कण पृथक नहीं कर सकते हैं|पृथक नहीं कर सकते हैं|छानन विधि द्वारा पृथक कर सकते हैं|
पारदर्शी होता है|  अपारदर्शी होता है|पारभासी होता है|
टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते| टिंडल प्रभाव दिखाई देता है|टिंडल प्रभाव दिखाई व नहीं दिखाई देते, दोनों अवस्था हो सकती है|
स्थिर विलयन (स्थायी) रखने पर कण नीचे बैठते हैं| स्थायी विलयन होते हैं|अस्थायी विलयन, विलेय कण नीचे बैठ जाते हैं|

 

मिश्रण के घटकों के पृथक्करण की विधि

वाष्पीकरण

• यह मिश्रण के दो पदार्थों में से एक पदार्थ का वाष्पीकरण होना (जैसे एक पदार्थ का क्वथनांक दूसरे से कम होता है|)

• उदाहरण- रंग वाले घटक को नीले अथवा काले रंग की स्याही से पृथक करना|
जब हम पानी में मिले रंग को गर्म करते हैं तो पानी वाष्पित हो जाता है तथा रंग घटक का अवशेष बच जाता है|


अपकेंद्रीकरण

• जब किसी पदार्थ को तेजी से घुमाया जाता है तो भारी कण नीचे की तरफ दबाव डालते हैं तथा हल्के कण ऊपर चले जाते हैं|

• उदाहरण- दूध से क्रीम पृथक करना |

पृथक्करण कीप

• दो अघुलनशील द्रव को आसानी से पृथक्करण कीप द्वारा अलग कर सकते हैं| पृथक्कारी कीप का स्टॉप कॉर्क खोलने से पानी दूसरे बीकर में इकट्ठा कर सकते हैं तथा दूसरे बीकर में बचा तेल इकट्ठा कर सकते हैं| 

उर्ध्वपातन विधि

• दो पदार्थों के बीच एक पदार्थ उर्ध्वपातित हो जाता है (सीधे ठोस से गैस में परिवर्तित हो जाना) जबकि दूसरा ऐसे ही रहता है|
• उदाहरण- NH4Cl (अमोनियम क्लोराइड) तथा खाने का नमक के मिश्रण को आसानी से अलग किया जा सकता है| मिश्रण को गर्म करने पर अमोनियम क्लोराइड सीधे ठोस से गैस बन जाता है जबकि नमक शेष रह जाता है|

क्रोमैटोग्राफी

• किसी मिश्रण में रंगीन यौगिक, रंजित कणों को पृथक कर सकते हैं| किसी सोखने वाले फ़िल्टर पेपर की सहायता से जब पानी (या किसी भी विलयन) के कण ऊपर की ओर दो अलग-अलग रंग के साथ जाते हैं तो क्रोमैटोग्राफी पेपर द्वारा दोनों पृथक हो जाते हैं| क्योंकि दोनों रंग अलग-अलग गति से सोख लिए जाते हैं| 

• उदाहरण- काली स्याही में उपस्थित रंजकों को पृथक करना|

आसवन विधि

• दो संघटकों के बीच एक का क्वथनांक दूसरे से कम होता है| यह विधि दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों को अलग करने के लिए किया जाता है| 

• उदाहरण- जब पानी ओर एसिटोन के मिश्रण को गर्म किया जाता है, (क्योंकि एसिटोन का क्वथनांक कम होता है), यह गर्म होकर वाष्पित रूप से ट्यूब में चला जाता है जहाँ यह फिर द्रव बन जाता है| इस प्रकार एसिटोन बीकर में एकत्र हो जाता है जबकि पानी फ्लास्क में ही रह जाता है| 
प्रभाजी आसवन विधि

• दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों जिनके क्वथनांक का अंतर 25 K से कम होता है, के मिश्रण को पृथक् करने के लिए प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है| 

• उदाहरण- वायु से विभिन्न गैसों का पृथक्करण तथा पेट्रोलियम उत्पादों से उनके विभिन्न घटकों का पृथक्करण|
क्रिस्टलीकरण

• किसी मिश्रण से अशुद्धियों को दूर करने के लिए पहले किसी उपयुक्त विलयन में घोलना और क्रिस्टलीकरण द्वारा एक संघटक को पृथक करना|

• उदाहरण- कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल को पहले सल्फ्यूरिक अम्ल में घोलते हैं और फिर गर्म करके विलयन को पृथक किया जाता है| जो विलयन बना था उसे पूरी रात रख कर छोड़ दिया जाता है, अतः केवल शुद्ध कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल बनते हैं जबकि अशुद्धियाँ सल्फ्यूरिक अम्ल में ही रह जाती है| इस विलयन को फ़िल्टर पेपर की सहायता से छान लिया जाता है और शुद्ध क्रिस्टल प्राप्त कर लिए जाते हैं|

भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तन में अंतर

भौतिक परिवर्तन
रासायनिक परिवर्तन
यह उत्क्रमणीय होता है|यह अनुत्क्रमणीय होता है|
भौतिक परिवर्तन के दौरान कोई नया पदार्थ नहीं बनता है|  नए पदार्थ बनते हैं|
बहुत कम मात्रा में ऊष्मीय अथवा प्रकाश ऊर्जा निकाली जाती है|एक रासायनिक परिवर्तन में एक बड़ी मात्रा में ऊष्मीय अथवा प्रकाश ऊर्जा निकाली जाती है|
उदाहरण- बर्फ का पिघलनाउदाहरण- लकड़ी का जलना

पदार्थों का रासायनिक संघटन के आधार पर वर्गीकरण

तत्व

• तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता|

• तत्वों को साधारणतया धातु, अधातु तथा उपधातु में वर्गीकृत किया जा सकता है

धातु
अधातु 
उपधातु
चमकदार होती है|चमकदार नहीं होती है|ऐसे तत्व धातु और अधातु के बीच के गुणों को दर्शाते हैं|
आघातवर्ध्य होती हैं तन्य होती है अर्थात धातुओं को खींचकर तार बनाए जा सकते हैं|आघातवर्ध्य नहीं होती है| तन्य नहीं होती भंगुर होती है|
प्रतिध्वनिपूर्ण होती है|प्रतिध्वनिपूर्ण नहीं होती है|
ये ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती है|  ये ऊष्मा तथा विद्युत की कुचालक होती है|
उदाहरण- सोना, लोहा इत्यादि|उदाहरण- ऑक्सीजन और फॉस्फोरस|उदाहरण- बोरॉन, सिलिकॉन, जरमेनियम|


 यौगिक :-

🔹 वह पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों के नियत अनुपात में रासायनिक तौर पर संयोजन से बनता है यौगिक कहलाता है । 

🔹 जैसे :- चीनी , नमक , जल आदि ।

 मिश्रण तथा यौगिक में अन्तर :-

मिश्रण :- 

  • तत्व या यौगिक केवल मिश्रण बनाने के लिए मिलते हैं ।
  • कोई नया पदार्थ नहीं बनता है ।
  • किसी नए पदार्थ का निर्माण नहीं करते ।
  • संघटन परिवर्तनीय होता है ।
  • मिश्रण में उपस्थित घटक अपने गुण धर्मों को दर्शाते हैं ।
  • घटकों को भौतिक विधियों द्वारा सुगमता से पृथक किया जा सकता है ।

🔶 यौगिक :-

  • एक पदार्थ क्रिया करके नए पदार्थ का निर्माण करते हैं । 
  • नये पदार्थ का संघटन सदैव स्थाई होता है ।
  • अपने द्रव्यमान के अनुसार एक निश्चित अनुपात में ही एक साथ मिलते हैं ।
  • नये पदार्थ के गुण धर्म पूरी तरह भिन्न होते हैं ।
  • घटकों को केवल रासायनिक या वैद्युत रासायनिक प्रक्रिया द्वारा ही पृथक किया जा सकता है ।

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